Ayushman Bharat scheme 2024 : भारत सरकार आयुष्मान भारत योजना के महत्वपूर्ण विस्तार पर विचार कर रही है, जिसका उद्देश्य आबादी के बड़े हिस्से को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है। यह कदम 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जैसा कि नीति आयोग द्वारा हाल ही में जारी किए गए विज़न दस्तावेज़ में बताया गया है।
विस्तार के लिए प्रमुख प्रस्ताव
- कवरेज सीमा में वृद्धि: प्रस्ताव में प्रति व्यक्ति उपचार लागत सीमा को वर्तमान 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख करने का सुझाव दिया गया है। गंभीर बीमारियों से पीड़ित महिलाओं के लिए यह सीमा 15 लाख तक हो सकती है।
- विस्तारित लाभार्थी आधार: सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में आयुष्मान भारत लाभार्थियों की संख्या को वर्तमान 35.44 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ करना है।
- अधिक अस्पताल बिस्तर: अस्पताल बिस्तरों की संख्या को वर्तमान 7.22 लाख से बढ़ाकर 2027 तक 9.32 लाख तथा 2029 तक 11.32 लाख करने की योजना है।
कार्यान्वयन का मार्ग
ये सिफारिशें नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित हैं। प्रस्ताव को औपचारिक रूप दे दिया गया है और उम्मीद है कि इसे मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजा जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि इस प्रस्ताव को जल्द ही हरी झंडी मिल सकती है, क्योंकि सरकार ने पहले ही आयुष्मान योजना का दायरा बढ़ाने के अपने इरादे का संकेत दिया है। समिति ने कथित तौर पर प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए कई दौर की बैठकें की हैं।
पात्रता मानदंड में संभावित परिवर्तन
लाभार्थियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, सरकार आयुष्मान भारत योजना के लिए मौजूदा पात्रता नियमों में बदलाव पर भी विचार कर रही है, जिसे प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के रूप में भी जाना जाता है। इन बदलावों का उद्देश्य योजना को अधिक समावेशी और आबादी के व्यापक वर्ग के लिए सुलभ बनाना है।
आयुष्मान भारत योजना का यह विस्तार भारत में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बीमा कवरेज सीमा को बढ़ाकर और लाभार्थी आधार का विस्तार करके, सरकार का लक्ष्य नागरिकों पर स्वास्थ्य सेवा के वित्तीय बोझ को कम करना और समग्र स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करना है।
जैसे-जैसे प्रस्ताव स्वीकृति प्रक्रिया से गुज़रता है, यह निगरानी करना महत्वपूर्ण होगा कि इन परिवर्तनों को कैसे लागू किया जाएगा और भारत के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य पर उनका संभावित प्रभाव क्या होगा। अगर इसे मंज़ूरी मिल जाती है, तो यह विस्तार सभी के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा पहुँच की दिशा में देश की यात्रा में एक परिवर्तनकारी क्षण को चिह्नित कर सकता है।